ले लो,ले लो,ले लो............
वो ईमानदार अपना ईमान बेच रहा है
खरीदोगे?
कौडियों के दाम करोड़ो की चीज !!!
ले लो,ले लो,ले लो....
ऐसा सस्ता सौदा फिर ना मिलेगा...
सच्चा खड़े सोने जैसा 'ईमान' फिर कहाँ बिकेगा
ज्यादा मत सोचो ले लो,ले लो ...........
जो इसको विरासत में मिली है
पुरखो से
जिसकी साज संभाल करता रहा है ये
बरसों से
आज क्योंकर इसको बेच रहा है ???
ना मोल-भावः न बात-चीत !
इतनी महंगी चीज !
ये नाचीज !
पागलपन में फ़ेंक रहा है ???
कुत्ते की सामने रोटी की तरह ???
भूखे भेड़िये के सामने बोटी की तरह ???
पछतायेगा...
एक बार ईमान चला गया तो वापिस कहाँ पायगा...!!!!!!
हम उसकी फिकर में मरे जा रहे हैं
और वो जनाब ईमान की सरेआम बोलिया लगा रहे हैं
ले लो ईमान ले लो
करोड़ो की चीज कौड़ियों में ले लो,,
..............................
और फिर वही हुआ
ईमान कौड़ियों में बिक गया
मुझसे ये सहा न गया
मैंने उसे धर दबोचा
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एकांत में ले जाकर क्रोध से पूछा
'पागल हो गया है तू...तुझे पता नहीं है की तुने क्या बेच दिया?
"खोटा सिक्का "
उसने तुंरत मुझे उत्तर दिया
"खोटा सिक्का,जो आज तक कभी ठीक से न चल पाया
मेरे कर्त्तव्य और अधिकार की मांगे, कभी पूरी न कर पाया
दो पैसे मिले हैं
दो और लगाऊंगा
फिर कही से किसी की घिसी-पिटी "बेईमानी" खरीद लाऊंगा
चांदी सा चमकता सोने सा दमकता खालिश "बेईमानी"
बाज़ार में खूब चलता है
बिना पाँव के सबसे तेज़ दौड़ता है
बला की ताक़त है !
ग़जब की फुर्ती है !
अब देखना मै भी घुड़ दौड़ में शामिल हो जाऊँगा
इस दुनिया की भेड़ - चाल में "ईमानदार" कहलाउंगा ..... "
Arre bhai..kya likha hai..tez tarrar..badhiya..bahut khuub..
ReplyDeletethanks sonia...
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